बीजिंग, 6 नासा ने पिछले फरवरी में कहा कि पिछले 20 सालों में पृथ्वी और हरित बन रहा है। इसमें चीन और भारत ने मुख्य योगदान किया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 1972 में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस निर्धारित किया। वर्तमान विश्व पर्यावरण दिवस का विषय है प्रकृति पर ध्यान देने में देरी न करें। उद्देश्य है कि लोगों को जीव-जंतुओं की नस्लों का ख्याल रखने, प्रकृति के साथ शांतिपूर्ण रहने की पारिस्थितिक सभ्यता बनाने और पृथ्वी समुदाय का समान निर्माण करने का प्रोत्साहन किया जाएगा।
जलवायु परिवर्तन, वातावरण प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधन का अपहारक विकास और प्रयोग आदि कारणों से जीव-जंतुओं की विविधता को खतरे में डाला गया। पिछले दिसंबर में कोलम्बिया, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने समान रूप से घोषणा की कि जर्मनी की वित्तीय सहायता में कोलम्बिया वर्ष 2020 विश्व पर्यावरण दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों को आयोजित करेगा।
चीन वर्ष 1992 में जैविक विविधता पर कन्वेंशन के पहले छह सदस्य देशों में से एक बना था। चीन ने जैविक विविधता रक्षा आयोग की स्थापना की और कार्य योजना बनाई। चीन सृजन, संतुलित, हरित, खुलेपन की विचारधारा पर कायम रहते हुए पारिस्थितिकी पर्यावरण के निर्माण में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं।