मुंबई, अमिताभ बच्चन के लिए उनका प्रत्येक प्रोजेक्ट अपनी तरह की एक नई चुनौती लेकर आता है और उनकी नई फिल्म 'गुलाबो सीताबो' भी इस मामले से इतर नहीं है। अमिताभ ने शूजित की इस फिल्म में काम करने के दौरान आई सबसे बड़ी चुनौतियों के बारे में आईएएनएस को बताया, "हर फिल्म प्रोजेक्ट उन लोगों के लिए एक चुनौती है जो उस पर काम करने के लिए सहमत हैं। गुलाबो सिताबो भी किसी भी तरह से कम नहीं थी।"
उन्होंने आगे कहा, "हां (वहां) हर दिन चार से पांच घंटे तक प्रोस्थेटिक मेकअप में रहता था और इसमें परेशानी होती है। बुजुर्ग मिर्जा की मुद्रा (फिल्म में उनका चरित्र), मई की तेज गर्मी का मौसम। लेकिन यदि आप अपने आप को पेशेवर कहते हैं तो यह सब इसके साथ आता है, और आप इसे अच्छी तरह से स्वीकार करते हैं और इसका आनंद लेते हैं।"
जूही चतुर्वेदी द्वारा लिखी गई 'गुलाबो सीताबो' में, अभिनेता ने मिर्जा की भूमिका निभाई है, जो लखनऊ के दिल यानि कि बीचों-बीच बसी एक पुरानी जीर्ण 'हवेली' के मकान मालिक हैं, जिसका नाम फातिमा महल है। जबकि आयुष्मान खुराना उनके चतुर किरायेदार बांके हैं। उनकी स्थिति टॉम और जेरी के समान है, स्क्रिप्ट और मजाकिया संवाद ने इसे कमाल का बनाया है।
बिग बी कहते हैं कि इस फिल्म पर काम करना एक आनंदमय अनुभव था। उन्होंने कहा "लखनऊ शहर, वहां के लोग - और उनके साथ काम करने में बहुत खुशी हुई।"
रॉनी लाहिड़ी और शील कुमार द्वारा निर्मित इस फिल्म का प्रीमियर अमेजन प्राइम वीडियो पर दुनिया भर में हुआ है।