न्यूयार्क, अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के दावेदार जो बिडेन ने मुस्लिम मतदाताओं को सांप्रदायिक तौर पर रिझाने के लिए अपने चुनावी अभियान में कश्मीर मुद्दे को सामान्य मानव अधिकार मुद्दे या विदेश नीति के बदले धार्मिक संदर्भो में उछाला है।
उनके अभियान द्वारा प्रकाशित 'एजेंडा फॉर मुस्लिम अमेरिकन कम्युनिटीज' ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) की भी आलोचना की है।
नवंबर में होने वाले चुनाव के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने चुनौती पेश करने के लिए अगस्त में पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में बिडेन डेमोक्रेट्स की तरफ से उम्मीदवार के रूप में औपचारिक रूप से नामांकित हो सकते हैं। बिडेन ने प्राइमरी चुनावों में जरूरी जीत हासिल कर ली है।
भारत के विपरीत, अमेरिका में पार्टियों को धर्म के आधार पर खुले तौर पर अपील करने की इजाजत है।
बिडेन का मुस्लिम एजेंडा कहता है, "कश्मीर में, भारत सरकार को वहां के सभी लोगों के अधिकारों को बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए। असंतोष को दबाने के लिए प्रतिबंध लगाना, शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकना या इंटरनेट को बंद करना या धीमा करना, लोकतंत्र को कमजोर करता है ।"
अन्य विवादास्पद मुद्दों पर मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपनी पहुंच बनाने के एजेंडे में कहा गया है, "जो बिडेन असम में एनआरसी को लागू करने और नागरिकता संशोधन अधिनियम को लागू करने के भारत सरकार के फैसले से निराश है।"
इसमें कहा गया है, "जिस देश में धर्मनिरपेक्षता की लंबी परपंरा रही हो और बहुजातीय और बहुधार्मिक लोकतंत्र हो, वहां यह निर्णय असंगत है।"
सीएए की आलोचना करते वक्त, बिडेन का मुस्लिम एजेंडा हालांकि सीएए की तरह ही अमेरिकी कानून पर चुप्पी साधे हुए है। अमेरिकी बजट बिल में, स्पेक्टर संशोधन में ईरान के मुस्लिम शरणार्थियों को धार्मिक शरणार्थी के रूप में तरजीही शरण प्राप्त करने से वंचित रखा गया है।
बिडेन के अभियान ने हिंदू-अमेरिकियों, सिख-अमेरिकियों या बौद्ध-अमेरिकियों के लिए कोई एजेंडा जारी नहीं किया है लेकिन अलग से अफगानिस्तान में हिंदुओं और सिखों के उत्पीड़न का मामला उठाया है।
काबुल के गुरुद्वारा में मार्च में हुए आतंकी हमले में 25 सिखों के मारे जाने के बाद, बिडेन ने बयान जारी कर अफगानिस्तान में इन दोनों धार्मिक समूहों के सदस्यों के खिलाफ गंभीर उत्पीड़न के मामले पर चिंता जताई थी और विदेश विभाग को उन्हें शरणार्थी सुरक्षा देने पर विचार करने को कहा था।
बिडेन के 'एशियन अमेरिकन एंड पेसिफिक आईलैंडर कम्युनिटिज' के लिए एजेंडा में मुस्लिमों के साथ हिंदुओं और सिखों का वर्णय किया गया है। इन्हें अमेरिका में 'भेदभाव और नफरत' का पीड़ित बताया गया है और कहा गया है कि ट्रंप के खतरनाक बयानबाजी के बाद स्थिति और खराब हो गई।
मुस्लिम एजेंडा में कहा गया है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में अलग से हिंदुओं और सिखों के खिलाफ हेट क्राइम के मामलों को मॉनिटर किया जाता था। इस दौरान बिडेन उपराष्ट्रपति थे।
लेकिन ओबामा-बिडेन प्रशासन 2016 में पेंसिलवेनिया में एक हिंदू गाय अभ्यारण्य में गाय के सिर को रखने जैसे कई हेट क्राइम को रोकने में नाकाम रहा था।