चंडीगढ़, 9 अगस्त
आम आदमी पार्टी पंजाब के सीनियर लीडर तथा नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जब तक प्रदेश सरकार की ओर से घातक बिजली समझौते रद्द नहीं किए जाएंगे, तब तक निजी बिजली कंपनियां पंजाब के खजाने तथा लोगों को लूटती रहेंगीं। आप ने आरोप लगाते हुए कहा कि विदेशी कोयला मामले में प्राइवेट थर्मल प्लांट को 550 करोड़ रुपए की आदाएगी के निर्देश सरकार की नालायकी तथा एकतरफा बिजली समझौतों का नतीजा है।
सोमवार को पार्टी दफ्तर से जारी बयान में चीमा ने कहा कि पिछली बादल सरकार के मोटी दलाली लेकर निजी बिजली कंपनियों के साथ किए करोड़ों रुपए के घातक बिजली समझौते ने पहले ही पंजाब की जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ा दिया है और अब 550 करोड़ रुपए और लूटे जा रहे है।
चीमा ने कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस पार्टी इन बिजली समझौतों को खत्म करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी उन्होंने इन समझौतों को रद्द नहीं किया। उन्होंने कहा कि बादलों की तरह ही सत्ताधारी कांग्रेस सरकार भी बिजली कंपनियों के साथ मिली हुई है। जिसके परिणाम स्वरूप पंजाब में सरकारी खजाने व लोगों को लूटने की प्रथा बदस्तूर जारी है।
हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बिजली समझौतों की पंजाब विरोधी शर्तों तथा एडवोकेट जनरल के दफ्तर की ओर से जानबूझ कर कमजोर तरीके से लड़े जाने वाले केसों में निजी बिजली कंपनियां लगातार जीत कर आ रही है तथा पंजाब की हमेशा हार हुई है। केंद्रीय ट्रिब्यूनल का ताजा फैसला इस की कड़ी का हिस्सा है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए चीमा ने कहा कि केंद्रीय ट्रिब्यूनल ने विदेशी कोयला मामले में पंजाब सरकार तथा लोगों को झटका देते हुए पावर कॉम को निर्देश दिए हैं कि तलवंडी साबो थर्मल प्लांट के मालिक वेदांता कंपनी को विदेशी कोयले के अतिरिक्त मूल्य के रूप में 472 करोड़ रुपये और जुर्माने के रूप में 80 करोड़ रुपये सहित कुल 550 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए।
कंपनी को दी जाने वाले मोटी रकम पंजाब की जनता की जेब से ही अदा की जाएगी। चीमा ने मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल पूछ कि पंजाब की जनता पर करोड़ों रुपए का आर्थिक बोझ डालकर अब कैप्टन अमरिंदर सिंह और अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू क्यों चुप हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू पर तीखा हमला करते हुए चीमा ने कहा कि प्रदेश प्रधान की कुर्सी मिलने के बाद ट्विटर- ट्विटर खेलने वाले सिद्धू क्या अब ट्विटर चलाना भूल गए हैं या फिर उनको कुर्सी की ही चाहत थी। हरपाल सिंह चीमा ने मांग की है कि सत्ताधारी कांग्रेस दलाली छोडक़र घातक बिजली समझौतों को तुरंत रद्द करे तथा एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को बर्खास्त करे। चीमा ने कहा कि बादलों की तरह सत्ताधारी कांग्रेस भी निजी कंपनियों के आगे नतमस्तक है। उन्होंने जनता को विश्वास दिलाया कि 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद सभी घातक बिजली समझौतों को रद्द किया जाएगा।