नई दिल्ली, लॉकडाउन का शातिर दिमाग वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। वे अपना काम तमाम सख्तियों के बीच भी बदस्तूर जारी रखे हैं। इसी का परिणाम है कि जो श्रमिक राष्ट्रीय राजधानी से कटे हरियाणा के गुरुग्राम में मौजूद थे। उन सबके स्क्रीनिंग कागजात दिल्ली में बन गये। फिलहाल इस पूरे मामले की अब विस्तृत जांच चल रही है।
इतना ही नहीं इन फर्जी स्क्रीनिंग दस्तावेजों के बलबूते प्रवासी श्रमिकों को देश के दूर दराज हिस्सों जैसे, बिहार, कोलकता आदि क्षेत्रों में पहुंचाया जा रहा था। अब तक सामने आये तथ्यों से इस बात की पुष्टि हो चुकी है।
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को एक पेशेवर ड्राईवर से भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। पता चला है कि यह गैंग दिल्ली भर में फैला है। जो राष्ट्रीय राजधानी व आसपास के इलाके से शिकार (पलायन करने के इच्छुक प्रवासी श्रमिक) फंसाता है।
पुलिस को इसी चालक से पता चला कि वो खुद भी टिकरी गांव बहादुरगढ़ (हरियाणा) से लेकर श्रमिकों को पश्चिम बंगाल इलाके की ओर जाने वाला था। रास्ते में ही मगर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। छानबीन में पुलिस को पता चल गया है कि यह फर्जीवाड़ा करके जाली स्क्रीनिंग पेपर्स कहां-कहां से बनबाये जा रहे थे।
इन सभी संदिग्ध इलाकों पर भी पुलिस ने अपना खुफिया तंत्र सतर्क कर दिया है ताकि पूरे गैंग का भंडाफोड़ हो सके। खास बात इस फर्जीवाड़े में यह भी सामने आ चुकी है कि, जिन चालकों और श्रमिकों के फर्जी स्क्रीनिंग दस्तावेज दिल्ली से जारी हुए हैं, उनके हाल पते भी दिल्ली के ही हैं। मगर जांच में अधिकांश पते फर्जी पाये गये।
बाहरी जिला पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक फिलहाल अभी कुछ बसों और उनके चालकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में छापे मारे जा रहे हैं। इस बारे में दिल्ली के कई जिलों के डीसी दफ्तरों और देश के कुछ अन्य राज्यों की पुलिस को भी सूचित कर दिया गया है