नई दिल्ली, 9 अमेरिकी कांग्रेस की पहली हिंदू सांसद तुलसी गाबार्ड ने श्रीमदभागवत गीता की शिक्षाओं से युवाओं को प्रेरणा लेने की अपील की है। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की प्रेरक शिक्षाओं को जीवन का सार और आधार बताया है। उन्होंने कहा है कि श्रीमदभागवत गीता में बताए गए भक्ति और कर्म योग के अभ्यास से पता चलता है कि हमारे जीवन का उद्देश्य क्या है? हिंदू स्टूडेंट्स काउंसिल की ओर से आयोजित दुनिया के कई विश्वविद्यालयों के हिंदू छात्रों के साथ एक वर्चुअल कांफ्रेंस के दौरान तुलसी गाबार्ड ने ये बातें कहीं।
अमेरिका, कनाडा के कैंपस में हिंदू युवा छात्रों के बीच काम करने के लिए 1990 में गठित हिंदू स्टूडेंट्स काउंसिल के इतिहास में पहली बार आयोजित इस कार्यक्रम में तुलसी गाबार्ड ने भारतीय संस्कृति में नमस्ते की परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि नमस्ते हमें एक दूसरे से जोड़ता है।
तुलसी गाबार्ड ने कहा कि गीता हमारे प्रचीन ज्ञान का आधार है। स्नातक की पढ़ाई करने वाले छात्रों को अपने जीवन का उद्देश्य के बारे में पता होना चाहिए। क्योंकि उनके जीवन का अब दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है। उन्हें भौतिक सुख नहीं बल्कि दूसरों की सेवा पर ध्यान देना चाहिए।
तुलसी गाबार्ड ने कहा, "गीता के भक्ति योग और कर्म योग का पाठ विद्यार्थी हमेशा याद करें। श्रीकृष्ण ने कहा है कि दूसरों की सेवा खुशी का सबसे बड़ा रूप है। धन और हैसियत का इस्तेमाल आपको अच्छाई के लिए करना चाहिए या फिर अपने स्वार्थ के लिए? इस सवाल के जवाब में ही जीवन का उद्देश्य छिपा है।"
अमेरिका की पहली हिंदू सांसद ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएं काल से परे और सार्वभौमिक हैं। यह संकट का समय है। कोई भी निश्चिचतता के साथ नहीं कह सकता कि कल क्या होने वाला है। मगर कृष्ण की शिक्षाओं से हमें हमेशा आगे बढ़ने की ताकत मिलती है। भक्ति योग और कर्म योग का हमें हमेशा अभ्यास करना चाहिए।
हिंदू स्टूडेंट्स काउंसिल के नेशनल प्रेसीडेंट अर्णब केजरीवाल ने कहा, "अमेरिका और कनाडा में रहने वाले हिंदू छात्रों को एक मंच पर लाकर उन्हें राष्ट्रीय समुदाय के रूप में एकजुट करने में इस कार्यक्रम ने अहम भूमिका निभाई है।"
हिंदू स्टूडेंट्स काउंसिल की उपाध्यक्ष सोहिनी ने कहा कि कई युवा जो रोजाना की जिंदगी में हिंदूफोबिया झेलते हैं, उनको तुलसी गाबार्ड ने अपने भाषण से प्रेरित किया है।
1990 में स्थापित हिंदू स्टूडेंट्स काउंसिल नार्थ अमेरिका में फैला हिंदू छात्रों का सबसे बड़ा संगठन है। यह संगठन कैंपस में हिंदू छात्रों के बीच काम कर उनमें नेतृत्व क्षमता विकसित करता है। दो लाख से ज्यादा छात्र इस संगठन से जुड़ चुके हैं। कांफ्रेंस में संगठन के पार्थ परिहार, तुषार शर्मा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।