उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बुंदेलखंड में बालिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की सफलता को महिलाओं को सहायता प्रदान कर दोहराएगी।
इन महिलाओं को डेयरियों की स्थापना और दुग्ध उत्पादन का प्रबंधन कर आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। पूर्वी यूपी के साथ-साथ अन्य जिलों में भी महिला समूहों का गठन किया जा रहा है।
शासन के प्रवक्ता के अनुसार प्रत्येक गांव में कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से दूध की खरीद की व्यवस्था की गयी है.
यह पहला मौका होगा जब रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, बरेली, पीलीभीत, खीरी, सीतापुर और रामपुर जैसे जिलों में महिलाएं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में काम करने जा रही हैं.
राज्य सरकार पांच महीने में एक लाख नए स्वयं सहायता समूह स्थापित करेगी और इन्हें 'महिला समर्थ योजना' के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।
योजना के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में दुग्ध बाजार की उपलब्धता एवं दूध संग्रहण की पारदर्शी व्यवस्था की गयी है.
महिलाओं को नियमित रूप से और समय पर दूध की कीमत का भुगतान सीधे उनके निजी बैंक खातों में किया जाएगा।
बुंदेलखंड के 5 जिलों (झांसी, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट) के 634 गांवों की 24, 180 से अधिक महिला किसानों के साथ बाली दुग्ध उत्पादक कंपनी वित्तीय निर्भरता के सफल मॉडल में लगी हुई है।
बाली कंपनी प्रतिदिन 60, 000 लीटर से अधिक दूध एकत्र करती है। कंपनी को राष्ट्रीय आजीविका मिशन और उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।
इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिसंबर 2019 में किया था।