पटना, बिहार के प्रवासी मजदूरों के दूसरे प्रदेशों से लौटने का सिलसिला जारी है। इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिहार में अपने समकक्ष नीतीश कुमार को पत्र लिखकर बिहार सरकार का आभार जताते हुए प्रवासियों पर खर्च का पैसा देने के प्रस्ताव को वापस कर दिया है। यह जानकारी हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट के जरिए भी दी है। हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय के ्िटवटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा गया है, "मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार प्रकट करते हुए प्रत्येक श्रमिक के हितों की रक्षा का हरियाणा सरकार का संकल्प दोहराया। राष्ट्र निर्माण में श्रमिकों के योगदान को देखते हुए पहले की तरह ही हरियाणा सरकार स्वयं उठाएगी प्रवासियों का खर्चा।"
खट्टर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा है, "नीतीश जी, आपके अधिकारियों का पत्र मिला, जिसमें आपने लॉकडाउन के चलते हरियाणा में फंसे बिहार के नागरिकों के बारे में चिंता व्यक्त की है और हरियाणा सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के एवज में खर्च हुई धनराशि देने का प्रस्ताव दिया है।"
उन्होंने पत्र में आगे कहा है, "अपने राज्य के प्रवासी नागरिकों के बारे में आपकी चिंता उचित और सराहनीय है। मैं इस पत्र के माध्यम से आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हरियाणा में रह रहे प्रत्येक भारतीय नागरिक उतने ही हमारे भी हैं, जितने उन राज्यों के, जहां से वे आते हैं।"
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, "हम इस बात को समझते हैं कि हरियाणा की आर्थिक, औद्योगिक और कृषि क्षेत्र की उन्नति में बिहारियों का भी बहुत योगदान है। हरियाणा आकर काम करने वाला हर नागरिक, चाहे कहीं भी पैदा हुआ हो, पर आज वो हमारे लिए किसी हरियाणवी से बिल्कुल भी कम नहीं है। हमने उन्हें अपनों की तरह रखा है और उनका ख्याल किया है। वे हमारी भी जिम्मेदारी हैं।"
नीतीश कुमार को लिखे पत्र में खट्टर ने कहा है कि उनकी सरकार लॉकडाउन में फंसे हर प्रवासी की मदद कर रही है और आगे भी करेगी।
पत्र में लिखा, राष्ट्रीय एकता और अखंडता के संवैधानिक प्रण की रक्षा के ²ष्टिगत हरियाणा सरकार उनकी सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे राज्य में हर रोज उद्योग फिर से खुल रहे हैं और अर्थव्यवस्था भी सामान्य स्थिति में वापस लौट रही है। बिहार वापस लौट गए लोग अपने परिवार वालों से मिलने के बाद जब भी वापस आना चाहेंगे तो हरियाणा के लोग उनका स्वागत करेंगे।"