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भारतीय जनता पार्टी की वर्चुअल रैली को सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल के जे सिंह ने किया संबोधित

कौमी मार्ग ब्यूरो | July 26, 2020 07:38 PM

चंडीगढ़ - कारगिल युद्ध की 21वीं वर्षगांठ पर देश के वीर सपूतों के अदम्य साहस और कुर्बानी को याद करने और उनको श्रद्धान्जलि  देने हेतु भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ द्वारा वर्चुअल रैली का आयोजन किया गया | आज की वर्चुअल रैली को सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल के जे सिंह ने संबोधित किया | इस रैली में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद, संगठन महामंत्री दिनेश कुमार, सांसद किरण खेर, राष्ट्रीय परिषद सदस्य संजय टंडन, उपाध्यक्ष प्रेम कौशिक , महामंत्री चन्द्रशेखर और रामबीर भट्टी, महापौर राजबाला मलिक, वरिष्ठ नेता रघुबीर लाल अरोड़ा सहित पार्टी के पदाधिकारी, जिला अध्यक्षों , मोर्चा अध्यक्षों, मंडल अध्यक्षों, प्रकोष्ठों के संयोजकों सहित सैंकड़ों लोगों वेबेक्स, फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से जुड़ कर आज के मुख्य वक्ता को सुना | इस अवसर पर इस कारगिल युद्ध में शहीद हुए सेना के जवानो की याद में एक मिनट तक मौनव्रत रख कर उन्हें श्रद्धान्जलि अर्पित की गयी |

भाजपा चंडीगढ़ द्वारा कारगिल विजय दिवस पर आयोजित वर्चुअल रैली में उपस्थित सभी लोगों को संबोधित करते हुए मुख्या वक्ता लेफ्टिनेंट जनरल के जे सिंह ने कहा कि कारगिल युद्ध को जब वो याद करते हैं तो उनके सामने 21 वर्ष पहले के दृश्य ताजा हो जाते हैं | ये वो ऐसा युद्ध था जो शायद विश्व के इतिहास में इतने ऊँचे स्थान पर पहली बार लड़ा गया था और ऐसा युद्ध था जहाँ दुश्मन चोटी पर बैठ कर हमारी सेना के ऊपर आसानी से प्रहार कर रहा था | इस युद्ध में हमारे देश की सेना के युवा अफसर और जवान शहीद हुए जिनकी आयु सीमा 19 से लेकर 23 वर्ष तक की थी | दरअसल यह युद्ध हमारे देश के युवाओं ने लड़ा और न केवल लड़ा बल्कि सेना के युवा अफसरों ने आगे बढ़ कर इस युद्ध में दुश्मनों के मनोबल को तार तार किया और अपने प्राणों पर खेल कर दुश्मन के दांत खट्टे किये |

उन्होंने इस युद्ध से पहले के दौर को स्मरण करते हुए कहा कि दरअसल पाकिस्तान को इस से पहले चाहे 1971 की लड़ाई की बात करें या फिर सीयाचीन युद्ध में हमारी सेना द्वारा दी गयी करारी हार को वो बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे | कारगिल युद्ध से पूर्व हमारे देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के साथ सम्बन्ध सुधारने के लिए कई कोशिश की | परन्तु पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशरफ़ के नापाक इरादे तब सामने आये जब अक्सर खाली रहने वाले स्थान कारगिल पर हमारे कुछ गुज्जरों और स्थानीय लोगों ने दुश्मन सेना की हरकतों को देखा और सूचित किया | तब तक दुश्मन शीर्ष चोटी पर अपनी सेना को बैठा चुका था और वो लद्दाख और सियाचीन को हिंदुस्तान से अलग करने का प्लान बना चुका था | उसकी इस मंशा पर  हमारी देश की सेना और वायुसेना और उस समय के उच्च स्तर के नेतृत्व ने तब पानी फेर दिया जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हमारे इलाके में घुसपैठ करने वाले पाकिस्तानियों को करारा जवाब देने के लिए सेना को खुली छूट दी और हमारी सेना के जवानो ने अपने शौर्य को दिखा कर और वायुसेना ने उपर से दुश्मन पर प्रहार कर उसको नेस्तनाबूद कर दिया | यह कोई साधारण युद्ध नहीं था | ऊपर बैठे दुश्मन की ताकत का अंदाज लगा पाना मुश्किल हो रहा था और दूसरी और LOC को पार किये बिना इस युद्ध में दुश्मन को अपनी सीमा से बाहर खदेड़ना था | कारगिल संघर्ष में भारत हथियार,  बारूद से लेकर रडार और सैटेलाइट तस्वीरों तक के लिए दूसरे देशों पर निर्भर था। जवान दुश्मन को घुटने टिकाने के हौसले से लबरेज थे,  पर तब उनके पास साजो-सामान का अभाव था। आलम यह था कि किसी इन्फेंट्री बटालियन के पास पर्याप्त हथियार तक नहीं थे। इसलिए इस युद्ध को इतना समय लगा | बावजूद इसके हमारे देश के वीर सैनिकों का हौसला पूरा बुलंद था और उन्होंने वीरता के साथ युद्ध को लड़ा और विजय दिलवाई |

उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी ऊपर से तो नरम दिखाई देते थे परन्तु देश की आन बान और शान के लिए जो कठोर निर्णय उन्होंने लिए वो अविस्मरनीय है | उन्ही के बुलंद इरादों से आज हमारा देश चीन जैसे पडोसी देश को भी यह संदेश दे रहा है कि हमारा देश अब पहले वाला भारत नहीं रहा | आज भारत किसी भी चुनोती को मुहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है | उसको हलके में लेना चीन की भूल होगी | उनके इसी राह पर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अग्रसर हैं | देश की सेना के मनोबल को बढाने के लिए वो कभी लद्दाख, कभी सीयाचीन न जाने कहाँ कहाँ पहुँच कर हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ा रहे हैं | उनके नेतृत्व में देश विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है | हमारी सीमाओं पर हर जरूरतों की पूर्ति के लिए मौजूदा मोदी सरकार दिन रात लगी हुई है | कारगिल युद्ध से लेकर अभी तक देश में सेना को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए यूएवी,  रडार,  सैटेलाइट तस्वीरों समेत बारूद के लिए काफी हद तक आत्मनिर्भर हुए हैं। 21 साल पहले उस मुश्किल घड़ी में मिली ऐतिहासिक जीत ने देश को उसकी मजबूत सैन्य क्षमता और कूटनीतिक ताकत का अहसास कराने में बड़ी भूमिका निभाई। पाक का साथ देते रहे अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने भारत के साथ साझेदारी की राह पकड़ी। साथ ही,  उसी दौरान पश्चिमी सीमा से सियाचिन तक सैन्य मोर्चे पर पता चलीं कमजोरियों पर पार पाते हुए देश ने पुख्ता रक्षा तैनाती और आधुनिक उपकरण हासिल करने की रफ्तार बढ़ाई।

सियाचीन जैसे बर्फीले क्षेत्रों में सैनिकों के लिए सड़कों का जाल और आवास सुविधा बेहतर की गईं। कारगिल युद्ध के बाद देश की तीनों सेनाओं का आधुनिकीकरण करने से ताकत में काफी इजाफा हुआ है। रडार और परिवहन तंत्र में मजूबती के साथ मिसाइलों,  हेलिकॉप्टरों और टैंकों की संख्या बढ़ी है। आज हर मौसम में भारतीय जवान किसी भी इलाके में दुश्मन से मुकाबले करने में ज्यादा सक्षम हैं। आज मोदी सरकार की पहल पर सेना में  136 राफेल, 12 नए सुखोई-30 के साथ ही 21 नए मिग-29 लड़ाकू विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल होने से वायु शक्ति निश्चित ही सातवें आसमान पर होगी।

उन्होंने भारत चीन के बीच ताजा हालात पर टिपण्णी करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत ही सूझबूझ और कूट रणनीति के दम पर जल्द ही चीन को घुटने के बल लाने में सक्षम हैं | आज अन्तराष्ट्रीय स्तर पर चीन की विस्तारवादी नीति को लेकर सभी देश उस से अलग अपनी राय रखते हैं | देखा जाये तो चीन अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी आज अलग थलग पढ़ गया है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कौशल नेतृत्व का ही परिणाम है कि आज देश आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहा है | गलबान घाटी की घटना के बाद चीन इस बात की हिमाकत नहीं करेगा क्योंकि वो भी जान चुका है भारत अब पहले जैसा देश नहीं रहा | यह घर के अन्दर घुस कर मारने की नीति पर काम करता है |

उन्होंने आह्वान किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कर रहे हैं अब ऐसे में हमारा भी नैतिक कर्तव्य है कि हम भी देश , समाज के लिए कुछ करें | हम खुद भी जागरूक बने और साथ में अन्यों को भी जागरूक बने और अन्यों को भी जागरूक बनायें और नागरिक योद्धा का निर्माण करे | साथ ही उन्होंने कहा कि हम सभी को चीन से बने सामान का बहिष्कार करें तभी हमारा देश स्वदेशी की और बढेगा और हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा |  

 

 

 

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